Last Updated on 2 years by Dr Munna Lal Bhartiya
देश में प्रत्येक क्षेत्र में भारतीय संस्कृति और सभ्यता को बढ़ावा दिया जा रहा है धार्मिक श्रद्धा और अनुष्ठान आदि को भी महत्व मिल रहा है। इससे विश्व स्तर पर भारतीय संस्कृति को एक अलग पहचान मिले और भारत विश्व गुरु बन सके। परंतु फिर भी भारत में आधी आबादी इंसान को जीवन देने वाली महिलाएं ही अपने देश में असुरक्षित हैं। अभी हाल ही में मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़कों पर घुमाया गया यह बहुत ही शर्मनाक घटना है जो विश्व भर में भारत को शर्मसार कर रही है।
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भारतीय समाज में आए दिन महिलाएं रेप, शारीरिक शोषण, दहेज, उत्पीड़न मर्डर आदि अपराध और कुरीतियों का शिकार होती हैं, जिससे उनका जीवन बर्बाद हो जाता है तो महिलाओं की सुरक्षा और मान सम्मान के लिए संस्कृति कहां चली जाती है? क्या भारतीय संस्कृति में महिलाओं के मान सम्मान का कोई महत्व नहीं है? क्या ऐसे ही भारत विश्व गुरु बनेगा? जिस देश की महिलाएं अपने ही देश और समाज में असुरक्षित हैं जहां आज भी महिलाओं के मान सम्मान पर रूढ़िवादी पुरुष-प्रधान घिनौनी विचारधारा हावी है। जबकि सबसे ज्यादा विडंबना यह है कि देश की महामहिम राष्ट्रपति एक महिला होते हुए भी उस देश की महिलाओं की स्थिति खराब और दयनीय है उससे पहले भी महिला राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और अन्य बड़े पदों पर रही हैं और आज भी हैं। परंतु फिर भी महिलाओं के उत्पीड़न पर अंकुश नहीं लग रहा है और शासन-प्रशासन सरकारें तब जागती हैं।
जब घटनाएं हो जाती हैं। महिला कानूनों का सख्ती से यदि पालन हो तो ऐसी घटनाएं ना हो। क्योंकि कहीं ना कहीं अपराधियों को बाहुबलियों का संरक्षण प्राप्त होता है इसीलिए अपराधियों में कानून का भय नहीं रहता है। ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगना बहुत आवश्यक है अतः मणिपुर की घटना पर स्वयं सुप्रीम कोर्ट अपराधियों के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और महामहिम राष्ट्रपति जी को भी स्वयं संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो देश के लिए और महिलाओं के मान सम्मान के लिए मिसाल बने।