Last Updated on 2 years by Dr Munna Lal Bhartiya
देश में महिलाओं के प्रति दरिंदगी व अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अपराधियों में कानून का बिल्कुल भी डर नहीं है कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है। आखिर ऐसा क्यों? क्यों अपराधी खुलेआम बेखौफ घूमते हैं? अभी हाल ही में झारखंड के दुमका जिले की एक 12वीं की छात्रा अंकिता कुमारी सिंह के ऊपर शाहरुख और नईम नाम के व्यक्ति ने पेट्रोल डाल कर आग लगा दी जिसमें इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन केवल गिरफ्तार कर जेल भेजना कोई समस्या का हल नहीं है इसमें दोषियों को ऐसी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए जिससे अपराधियों में खौफ उत्पन्न हो और समाज में मिसाल बने। और अपराधों में सामुदायिक राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। अपराध को केवल अपराध की श्रेणी में रखना चाहिए ना की जाति और धर्म में बांटना चाहिए।
महत्वपूर्ण यह है कि पीड़ित को और उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए और अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए। आज पूरा देश अंकिता हत्याकांड से एक बार फिर शर्मसार हो रहा है। इस घटना में अपराधियों के साथ-साथ अपराधियों को संरक्षण देने वाले भी बराबर के दोषी हैं उन लोगों को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए जिससे अपराधियों को संरक्षण देने वालों को भी सबक मिले।
ऐसी घटनाओं के लिए कहीं न कहीं सरकार की कार्यप्रणाली भी जिम्मेदार होती है। संकीर्ण मानसिकता के लोगों के कारण अधिकांश महिलाऐं आज भी असमानताओं से जूझ रही हैं आधुनिकता के इस दौर में भी अधिकांश महिलाएं दबी कुचली और शोषण की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। और ऐसी परिस्थितियों को झेलते हुए एक दिन अंकिता की तरह मौत के घाट उतार दी जाती हैं ।
महिलाओं की स्थितियों में सुधार सबसे पहले स्वयं महिलाओं को ही लाना है अपनी लड़ाई उन्हें खुद ही लड़नी है। सभी महिलाओं को अंकिता को न्याय दिलाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए और अंकिता को और उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए और अपराधियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए है जो देश में मिसाल कायम करें।