Last Updated on 2 years by Dr Munna Lal Bhartiya
राजनीति का गंदा खेल आगरा आगामी नगर निकाय चुनाव के अंतर्गत
वर्तमान में नगर निकाय चुनावों का दौर चल रहा है। सभी पार्टी के कार्यकर्ता व प्रत्याशी अपना-अपना दांव-पेच चलने के लिए तैयार हैं, परंतु वही कूटनीतिक राजनीति का खेल भी चरम पर है। शहर की ज्यादातर मलिन बस्तियां ऐसी हैं जहां लोगों का मतदाता सूची (निर्वाचन नामावली) में नाम ही नहीं है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
क्या क्षेत्रीय बीएलओ और कर्मचारी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है? क्या यह राजनीति की गंदी रणनीति नहीं है? प्रत्येक नागरिक को मतदान करने का अधिकार है और प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह अपनी स्वेच्छा से किसी भी पार्टी अथवा प्रत्याशी को वोट दे सकता है, लेकिन स्वार्थ की राजनीति के कारण उस अधिकार को भी छीना जा रहा है। जनता के मताधिकार के साथ ऐसा अनुचित कार्य बहुत ही न्याय पूर्ण एवं शर्मनाक है। जब जनता के अधिकार ही सुरक्षित नहीं है तो जनता के विकास की उम्मीद कैसे की जा सकती है ? वहां एक ओर कुछ प्रत्याशियों का तो यह हाल है कि वह केवल सीट के आरक्षित होने का फायदा उठाना चाहते हैं।
आगरा नगर निकाय चुनाव 2022
यह कुछ ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्हें जनता के बीच रहने का, काम करने का व जन प्रतिनिधित्वता का बिल्कुल अनुभव नहीं है । तो उन्हें यह कैसे पता होगा कि जनता के विकास का आधार क्या है ऐसे प्रत्याशियों को यहां तक पता नहीं होता कि जनता के क्या अधिकार है क्या कर्तव्य हैं कुछ प्रत्याशियों को तो ये भी नही पता होगा की हमारी क्षेत्र की जनता का नाम मतदाता सूची में है या नही और जनता के प्रति प्रत्याशियों के व जनप्रतिनिधियों के क्या अधिकार व कर्तव्य होने चाहिए।
तो ऐसे प्रत्याशी क्या जनता के हित में कार्य करेंगे और कैसे क्षेत्र का विकास करेंगे। और जनता को ऐसे जनप्रतिनिधि की आवश्यकता होती है जो जनता की मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखें जो क्षेत्र के विकास को अग्रणी रखे ना कि ऐसे प्रतिनिधि की जो अनुभवहीन होने के साथ-साथ स्वार्थ की राजनीति करें और जीतने के बाद यह भी देखने ना आए कि क्षेत्र का क्या हाल है ?
मै डॉ मुन्नालाल भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता व एक जागरूक मतदाता होने के नाते मैंने E Mail और whatsApp के माध्यम से जिलाधिकारी महोदय/निर्वाचन अधिकारी आगरा को अवगत करा दिया है की वार्ड 37 नगला अजीता से ज्यादतर जाटव बस्ती का वोट मतदाताओं के सूची से नाम हटा दिए गए है। आगरा के अन्य वार्ड में भी ज्यादातर मलिन बस्तियों से मतदाताओं के नाम सूची से हटे हुए हैं और छिन्न भिन्न हैं। पुनः नाम सूची में बढ़ाने के लिए अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और इस कार्य में लिप्त बी .एल.ओ व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की गई है।
भवदीय, डॉ मुन्नालाल भारतीय समाजसेवी कार्यकारिणी सदस्य – इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी आगरा( उ. प्र )
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